Tuesday, 20 September 2016

अस्तित्व मांगता है देश….

अस्तित्व मांगता है शान्ति की सीख, अब नहीं,
अस्तित्व मांगता है यूँ दया की भीख, अब नहीं,
अस्तित्व लेगा हिसाब अब बेटियों के दर्द का,
अस्तित्व सहेगा, निर्भया की चीख 
अब नहीं,


अस्तित्व जानता है देश एक साथ आ रहा,
आपको है अब सत्ता का डर सता रहा,


अब भी बचा है वक़्त जनता के साथ आइये,
गैरत बची हो गर, तो इतना तो कर दिखाइए,
कोई सरकार कोई कानून कोई लाइए,
अस्तित्व मांगता है देश, देश को बचाइए…

No comments:

Post a Comment