Thursday, 5 January 2017

एक वर्ष नया फिर आया है....



कुछ नई उम्मीदें जाग उठीं, एक नया जोश भरमाया है,
एक वर्ष और बीता तो क्या, एक वर्ष नया फिर आया है....

कुछ सपनो को पंख मिले, कुछ मगर अधूरे होंगे,
सब पर मेरा विश्वास है ये, इस वर्ष सभी पूरे होंगे..
एक स्वप्न ने अंगडाई ली है, एक ख्वाब फिर से इतराया है,
एक वर्ष और बीता तो क्या, एक वर्ष नया फिर आया है....

इस साल मोहब्बत पनपे और, ख़त्म हर एक वो दूरी हो,
इंसान न हो कोई बेबस, और ना कोई मजबूरी हो..
एक रात थी काली चली गई, दिनमान नया चढ़ आया है,
एक वर्ष और बीता तो क्या, एक वर्ष नया फिर आया है....

इस साल न कोई गम हो और, नित खुशियों में ही व्यस्त रहें,
प्रभु से मेरी विनती है ये, सब सुखी रहें और स्वस्थ रहें..
पुलकित है तन-मन और जीवन, एक हर्ष नया फिर छाया है,
एक वर्ष और बीता तो क्या, एक वर्ष नया फिर आया है....

इस वर्ष नए आयाम छुओ, संघर्ष तुम्हे मंगलमय हो,
अम्बर भर की खुशियों के संग, नव वर्ष तुम्हे मंगलमय हो..
जनवरी है खोले हाथ खड़ी, दिसंबर फिर से बिसराया है,
एक वर्ष और बीता तो क्या, एक वर्ष नया फिर आया है....